Bible का अर्थ क्या है ? step- by - step
बाईबल विश्व का सबसे पवित्र और प्रभावशाली ग्रंथ
बाईबल, जिसका शाब्दिक अर्थ 'पुस्तक' है ग्रीक शब्द बाईबल केवल एक किताब नहीं है, बल्कि ईसाई धर्म मसीही पंथ की आधारशिला और विश्व का सबसे पवित्र और प्रभावशाली धर्मग्रंथ है यह सदियों से करोड़ों लोगों के लिए मार्गदर्शन, प्रेरणा और आशा का स्रोत रहा है।
बाईबल का परिचय
बाईबल कई अलग-अलग लेखकों द्वारा लगभग 1500 वर्षों की अवधि में लिखी गई 66 पुस्तकों का एक संग्रह है यह ईश्वर की प्रेरणा और मानवीय श्रम दोनों का सम्मिलित परिणाम माना जाता है। इसमें ईश्वर और मानवजाति के बीच संबंध सृष्टि की शुरुआत, मनुष्य के पतन और सबसे महत्वपूर्ण मुक्ति की योजना का इतिहास
और विवरण दिया गया है ।
मुख्य विभाजन पूर्वविधान और नवविधान
संपूर्ण बाईबल मुख्य रूप से दो प्रमुख भागों में विभाजित है
पूर्वविधान (Old Testament)
यह बाईबल का पूर्वार्ध है और यहूदियों का भी पवित्र धर्मग्रंथ है।
इसकी मूल भाषा मुख्य रूप से इब्रानी है।
इसमें सृष्टि के निर्माण से लेकर ईसा मसीह के जन्म से पहले के यहूदी लोगों का इतिहास, गाथाएँ, नियम-कानून, भविष्यवाणियाँ और भजन शामिल हैं।
यह ईसा मसीह के आने की पृष्ठभूमि तैयार करता है ।
नवविधान New Testament
यह ईसा मसीह के जीवन, शिक्षाओं, चमत्कारों, मृत्यु और पुनरुत्थान पर केंद्रित है
इसकी मूल भाषा यूनानी है।
इसके चार शुरुआती ग्रंथ, सुसमाचार Gospels यीशु मसीह के जीवन और संदेश को बताते हैं ।
इसमें प्रारंभिक चर्च का इतिहास, प्रेरितों के पत्र और अंत के समय की भविष्यवाणियाँ (प्रकाशितवाक्य) शामिल हैं।
बाईबल का महत्व है ।
बाईबल मसीही जीवन में केंद्रीय महत्व रखती है।
ईश्वर का वचन इसे सच्चे और जीवित परमेश्वर का वचन माना जाता है। मसीही विश्वासी मानते हैं कि बाईबल में दिया गया ज्ञान और शिक्षा त्रुटिहीन है क्योंकि यह स्वयं ईश्वर की ओर से है।
मार्गदर्शन और सिद्धांत यह मनुष्यों को जीवन जीने का सही तरीका सिखाती है। यह धर्म और नैतिकता के प्रश्नों पर आधिकारिक शिक्षा देती है, और मनुष्य को जीवन की कठिन परिस्थितियों से निपटने की बुद्धि प्रदान करती है।
उद्धार का संदेश बाईबल का मुख्य उद्देश्य मानवजाति की मुक्ति के लिए ईश्वर द्वारा की गई व्यवस्था को समझाना है नवविधान विशेष रूप से बताता है कि यह मुक्ति यीशु मसीह के बलिदान और पुनरुत्थान द्वारा कैसे संभव हुई है।
विश्वव्यापी प्रभाव बाईबल ने न केवल धर्म को बल्कि विश्व के कई देशों के संविधान, कानून, कला, साहित्य और संस्कृति को भी गहराई से प्रभावित किया है।
संक्षेप में बाईबल एक साधारण पुस्तक नहीं है, बल्कि जीवन का एक नक्शा है। यह अपने पाठकों को ईश्वर के प्रेम, उसकी योजना और अनन्त जीवन की आशा से परिचित कराती है ।
आमीन जय मसीह की

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