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भटकती हुई भेड़ो का यह द्रष्टान्त सीखो ?

 भटकती हुई भेड़ो का यह द्रष्टान्त सीखो  प्रभु यीशु मसीह अक्सर लोगों को परमेश्वर के राज्य के बारे में सिखाने के लिए साधारण कहानियों दृष्टांतों का उपयोग करते थे। एक बार उन्होंने फरीसियों और शास्त्रीय पंडितों को देखकर यह दृष्टांत सुनाया भटकती हुई भेड़ो का यह द्रष्टान्त सीखो ?  तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे? और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है। और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे करके कहता है मेरे साथ आनन्द करो क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है। मैं तुम से कहता हूं कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा जितना कि निन्नानवे ऐसे धमिर्यों के विषय नहीं होता जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं या कौन ऐसी स्त्री होगी जिस के पास दस सिक्के हों और उन में से एक खो जाए तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बुहार कर जब तक मिल न जाए, जी लगाकर खोजती न रहे ? और जब मिल जाता है तो वह अपने सखियों और पड़ोसिनियों को इकट्...

मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step

 मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step  निश्चित रूप से निर्गमन की पुस्तक में ये दस विपत्तियाँ परमेश्वर की संप्रभुता और मिस्र के झूठे देवताओं पर उनकी विजय को स्थापित करने का एक शक्तिशाली तरीका था  यहाँ फिरौन के विरुद्ध आई दस विपत्तियों का क्रमबद्ध विवरण और उनका आत्मिक महत्व दिया गया है मिस्र की दस विपत्तियाँ निर्गमन 7-12  इनमें से हर एक विपत्ति का उद्देश्य मिस्र के एक या एक से अधिक प्रमुख देवताओं के अधिकार को चुनौती देना था। मिस्र के किस देवता को चुनौती ? मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step   जल का लहू बन जाना  निर्गमन 7:14-25 नील नदी का पानी लहू में बदल गया जिससे मछलियाँ मर गईं और पानी पीने योग्य नहीं रहा नील नदी के देवता जैसे हापी ओसिरिस खनुम जो जीवन और उर्वरता का स्रोत थे मेंढक निर्गमन 8:1-15 मिस्र के हर घर बिस्तर और बर्तन में मेंढक भर गए हकेत मेंढक के सिर वाली देवी जो उर्वरता और जन्म की देवी थी  मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step   निर्गमन 8:16-19...

बाईबल, के अनुसार पवित्र ,आत्मा ,के द्वारा नया, जन्म ,कैसे होता है ?

 बाईबल के अनुसार पवित्र आत्मा के द्वारा नया जन्म कैसे होता है ? #HolySpirit बाईबल के अनुसार पवित्र आत्मा के द्वारा नया जन्म कैसे होता है ? ​बाइबल में  नया जन्म या फिर से जन्म लेना एक आत्मिक अनुभव है जो किसी व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदल देता है यह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। ​यीशु मसीह ने इस विषय में नीकुदेमुस नामक एक व्यक्ति से बात की थी जिसका वर्णन यूहन्ना 3 अध्याय का 3 लेकर 7 वचन तक मिलता है। बाईबल के अनुसार परमेश्वर के वचन के द्वारा नया जन्म कैसे होता है । ​यीशु ने कहा ​मैं तुझ से सच सच कहता हूँ यदि कोई नए सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता इसका  ​अर्थ है नया जन्म किसी शारीरिक प्रक्रिया का नहीं बल्कि आत्मिक परिवर्तन का संकेत है। इसका मतलब है परमेश्वर से एक नया आत्मिक जीवन प्राप्त करना। ​ बाइबल सिखाती है कि मनुष्य पाप के कारण परमेश्वर से दूर है और इस कारण वह अपनी पुरानी पापी अवस्था में परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता  ​यीशु ने आगे वचन में स्पष्ट किया HolySpirit बाईबल के अनुसार पवित्र आत्मा के द्वार...

यूहन्ना 6:41 का अर्थ क्या है ? yoohanna 6:41 ka arth kya hai ?

 yoohanna 6:41 ka arth kya hai ? यूहन्ना 6:41 का अर्थ क्या है ?      भौतिक रोटी शरीर को थोड़े समय के लिए पोषण देती है लेकिन यीशु का अर्थ है आत्मिक पोषण जो अनन्त जीवन देता है      यह उनकी दैवीय उत्पत्ति को दर्शाता है  वह केवल एक इंसान नहीं हैं जैसा कि यहूदी सोचते थे बल्कि परमेश्वर की ओर से आए हैं  yoohanna 6:41 ka arth kya hai ?     पुराने नियम में परमेश्वर ने इस्राएलियों को जंगल में मन्ना स्वर्ग की रोटी खिलाया था निर्गमन 16 मे यीशु खुद को उस मन्ना का वास्तविक रूप बताते हैं जो आत्मिक भूख को हमेशा के लिए शांत करता है मन्ना खाने वाले मर गए  लेकिन यीशु को यानी उन पर विश्वास करने से अनन्त जीवन मिलता है यूहन्ना 6:49 में 51 यूहन्ना 6:41 का अर्थ क्या है ?     यहूदियों ने यीशु के सत्य वचन पर विश्वास नहीं किया क्योंकि वे उन्हें केवल यूसुफ का बेटा मानते थे ये समझ रहे थे जिसके मातापिता को वे जानते थे यूहन्ना 6:42 में वे उनके बाहरी रूप और मानवीय उत्पत्ति पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और वे प्रभु यीशु को मसीहा स्वीकार ...

जीवन लेना जीवन देना किसके पास है ? Step-by-step

 जीवन लेना जीवन देना किसके पास है ? Step-by-step  प्रभु यीशु परमेश्वर के द्वारा नया जन्म होता है आत्मा मे एक अनोखा चमत्कार हैं इस बात को वही मनुष्य समझता जो नये सिरे से उद्धार का अनुभव किया हैं और उसके जीवन मे सत्य की ज्योती आई हैं  वह मार्ग केवल प्रभु परमेश्वर के वचन से ही होता हैं यह एक चमत्कार हैं जिसे नया मन आत्मिक समझ मिलती हैं इन वचनों को ध्यान पढ़े । जीवन लेना जीवन देना किसके पास है ? Step-by-step  नमस्कार जय मसीह के मेरे प्रिय भाई बहनों प्रभू यीशु मसीह स्वम्य कहते है जीवन लेना जीवन देना मेरे ही हाथ में कैसे आईये इस बात को बाईबल पढ़कर जान लिजिए यूहन्ना रती सुसमाचार दस अध्याय का 17 ओर 18 वचन पढता हूं  पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है, कि मैं अपना प्राण देता हूं कि उसे फिर ले लूं। कोई उसे मुझ से छीनता नहीं वरन मैं उसे आप ही देता हूं  यूहन्ना 10 : 17 मुझे उसके देने का अधिकार है और उसे फिर लेने का भी अधिकार है यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है। आमीन जय मसीह की  यूहन्ना 10 : 18   हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिस ने...