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मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step

 मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step  निश्चित रूप से निर्गमन की पुस्तक में ये दस विपत्तियाँ परमेश्वर की संप्रभुता और मिस्र के झूठे देवताओं पर उनकी विजय को स्थापित करने का एक शक्तिशाली तरीका था  यहाँ फिरौन के विरुद्ध आई दस विपत्तियों का क्रमबद्ध विवरण और उनका आत्मिक महत्व दिया गया है मिस्र की दस विपत्तियाँ निर्गमन 7-12  इनमें से हर एक विपत्ति का उद्देश्य मिस्र के एक या एक से अधिक प्रमुख देवताओं के अधिकार को चुनौती देना था। मिस्र के किस देवता को चुनौती ? मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step   जल का लहू बन जाना  निर्गमन 7:14-25 नील नदी का पानी लहू में बदल गया जिससे मछलियाँ मर गईं और पानी पीने योग्य नहीं रहा नील नदी के देवता जैसे हापी ओसिरिस खनुम जो जीवन और उर्वरता का स्रोत थे मेंढक निर्गमन 8:1-15 मिस्र के हर घर बिस्तर और बर्तन में मेंढक भर गए हकेत मेंढक के सिर वाली देवी जो उर्वरता और जन्म की देवी थी  मिस्र देश, पर परमेश्वर, की दस, विपत्तियाँ क्यों आई ?Step-by-step   निर्गमन 8:16-19...

बाईबल, के अनुसार पवित्र ,आत्मा ,के द्वारा नया, जन्म ,कैसे होता है ?

 बाईबल के अनुसार पवित्र आत्मा के द्वारा नया जन्म कैसे होता है ? #HolySpirit बाईबल के अनुसार पवित्र आत्मा के द्वारा नया जन्म कैसे होता है ? ​बाइबल में  नया जन्म या फिर से जन्म लेना एक आत्मिक अनुभव है जो किसी व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदल देता है यह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। ​यीशु मसीह ने इस विषय में नीकुदेमुस नामक एक व्यक्ति से बात की थी जिसका वर्णन यूहन्ना 3 अध्याय का 3 लेकर 7 वचन तक मिलता है। बाईबल के अनुसार परमेश्वर के वचन के द्वारा नया जन्म कैसे होता है । ​यीशु ने कहा ​मैं तुझ से सच सच कहता हूँ यदि कोई नए सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता इसका  ​अर्थ है नया जन्म किसी शारीरिक प्रक्रिया का नहीं बल्कि आत्मिक परिवर्तन का संकेत है। इसका मतलब है परमेश्वर से एक नया आत्मिक जीवन प्राप्त करना। ​ बाइबल सिखाती है कि मनुष्य पाप के कारण परमेश्वर से दूर है और इस कारण वह अपनी पुरानी पापी अवस्था में परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता  ​यीशु ने आगे वचन में स्पष्ट किया HolySpirit बाईबल के अनुसार पवित्र आत्मा के द्वार...

यूहन्ना 6:41 का अर्थ क्या है ? yoohanna 6:41 ka arth kya hai ?

 yoohanna 6:41 ka arth kya hai ? यूहन्ना 6:41 का अर्थ क्या है ?      भौतिक रोटी शरीर को थोड़े समय के लिए पोषण देती है लेकिन यीशु का अर्थ है आत्मिक पोषण जो अनन्त जीवन देता है      यह उनकी दैवीय उत्पत्ति को दर्शाता है  वह केवल एक इंसान नहीं हैं जैसा कि यहूदी सोचते थे बल्कि परमेश्वर की ओर से आए हैं  yoohanna 6:41 ka arth kya hai ?     पुराने नियम में परमेश्वर ने इस्राएलियों को जंगल में मन्ना स्वर्ग की रोटी खिलाया था निर्गमन 16 मे यीशु खुद को उस मन्ना का वास्तविक रूप बताते हैं जो आत्मिक भूख को हमेशा के लिए शांत करता है मन्ना खाने वाले मर गए  लेकिन यीशु को यानी उन पर विश्वास करने से अनन्त जीवन मिलता है यूहन्ना 6:49 में 51 यूहन्ना 6:41 का अर्थ क्या है ?     यहूदियों ने यीशु के सत्य वचन पर विश्वास नहीं किया क्योंकि वे उन्हें केवल यूसुफ का बेटा मानते थे ये समझ रहे थे जिसके मातापिता को वे जानते थे यूहन्ना 6:42 में वे उनके बाहरी रूप और मानवीय उत्पत्ति पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और वे प्रभु यीशु को मसीहा स्वीकार ...

बाईबल, मत्ती, 24, अध्याय, का, क्या ,अर्थ है । इन, हिन्दी

 मत्ती 24 अध्याय का क्या अर्थ है । इन हिन्दी  मत्ती 24 का अर्थ है चर्च कलिसयाओं के विनाश और झूठे मसीह उठ खड़े होंगे और अद्भुत काम दिखायेंगे ये भविष्यवाणी और यीशु के दूसरे आगमन की तैयारी ओर संसार के अंत के बारे में भविष्यवाणी  हमें यहां पढ़ने को मिलती है ।  जब यीशु मन्दिर से निकलकर जा रहा था, तो उसके चेले उस को मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उस के पास आए। मत्ती 24:1 उस ने उन से कहा, क्या तुम यह सब नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूं, यहां पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, जो ढाया न जाएगा। मत्ती 24:2 और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हम से कह कि ये बातें कब होंगी और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा? मत्ती 24:3 यीशु ने उन को उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए। मत्ती 24:4 क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे। मत्ती 24:5 तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्त न होगा। मत्ती 24:6 क्योंकि जाति पर जाति,...

पवित्र बाईबल वचन प्रार्थना इन हिन्दी ? step-by-step

 पवित्र बाईबल वचन प्रार्थना इन हिन्दी ? step-by-step  Bible के अनुसार प्रार्थना कैसे करनी चाहिए।  और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। मत्ती 6:5 परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। मत्ती 6:6 प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी। मत्ती 6:7 सो तुम उन की नाईं न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यक्ता है। मत्ती 6:8 सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। मत्ती 6:9 तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। मत्ती 6:10 हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।...

मनुष्य की उत्पत्ति कैसे हुई ? A - z जानकारी

 मनुष्य की उत्पत्ति कैसे हुई ? A - z जानकारी   मनुष्य की उत्पत्ति कैसे हुई ? A - z जानकारी  मनुष्य उत्पत्ति कुछ इस प्रकार हुई।  फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें। उत्पत्ति 1:26 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। उत्पत्ति 1:27 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया। उत्पत्ति 2:7 तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नीन्द में डाल दिया, और जब वह सो गया तब उसने उसकी एक पसली निकाल कर उसकी सन्ती मांस भर दिया। उत्पत्ति 2:21 और यहोवा परमेश्वर ने उस पसली को जो उसने आदम में से निकाली थी, स्त्री बना दिया; और उसको आदम के पास ले आया। उत्पत्ति 2:22 और आदम ने कहा अब यह मेरी हड्डियों में की...

1 तीमुथियुस 6:3 से 10 तक का अर्थ क्या हैं ? Step-by-step

1 तीमुथियुस 6:3 से 10 तक अर्थ क्या हैं ? Step-by-step नमस्कार जय मसीह की  1 तीमुथियुस 6:3 से 10 तक अर्थ क्या हैं ? Step-by-step यदि कोई और ही प्रकार का उपदेश देता है; और खरी बातों को, अर्थात हमारे प्रभु यीशु मसीह की बातों को और उस उपदेश को नहीं मानता, जो भक्ति के अनुसार है। 1 तीमुथियुस 6:3   तो वह अभिमानी हो गया, और कुछ नहीं जानता, वरन उसे विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिन से डाह, और झगड़े, और निन्दा की बातें, और बुरे बुरे सन्देह। 1 तीमुथियुस 6:4 और उन मनुष्यों में व्यर्थ रगड़े झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिन की बुद्धि बिगड़ गई है और वे सत्य से विहीन हो गए हैं, जो समझते हैं कि भक्ति कमाई का द्वार है। 1 तीमुथियुस 6:5 पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। 1 तीमुथियुस 6:6 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। 1 तीमुथियुस 6:7 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए। 1 तीमुथियुस 6:8 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समु...

क्या कारण आपके जीवन में रोग बीमारी है ? Step-by-step

 क्या कारण आपके जीवन में रोग बीमारी है ? Step-by-step  और जब यीशु जा रहा था, तो उसने एक मनुष्य को देखा जो जन्म से अंधा था  यूहन्ना 9:1 और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने? यूहन्ना 9:2 यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों। यूहन्ना 9:3 जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। यूहन्ना 9:4 जब तक मैं जगत में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं। यूहन्ना 9:5 यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर। यूहन्ना 9:6 उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया। यूहन्ना 9:7 तब पड़ोसी और जिन्हों ने पहले उसे भीख मांगते देखा था, कहने लगे; क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख मांगा करता था? यूहन्ना 9:8 कितनों ने कहा, यह वही है औरों ने कहा, नहीं; परन्तु उसके...

दाऊद के पुत्र सुलेमान के नीतिवचन 1:1 step by step

 दाऊद के पुत्र सुलेमान के नीतिवचन 1:1 step by step  1दाऊद के पुत्र इस्राएल के राजा सुलैमान के नीतिवचन  इनके द्वारा पढ़ने वाला बुद्धि और शिक्षा प्राप्त करे और समझ की बातें समझे नीतिवचन 1:2 और काम करने में प्रवीणता, और धर्म, न्याय और सीधाई की शिक्षा पाए नीतिवचन 1:3 कि भोलों को चतुराई, और जवान को ज्ञान और विवेक मिले; नीतिवचन 1:4 कि बुद्धिमान सुन कर अपनी विद्या बढ़ाए, और समझदार बुद्धि का उपदेश पाए नीतिवचन 1:5 जिस से वे नितिवचन और दृष्टान्त को, और बुद्धिमानों के वचन और उनके रहस्यों को समझें नीतिवचन 1:6 यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूढ़ ही लोग तुच्छ जानते हैं नीतिवचन 1:7 हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर कान लगा, और अपनी माता की शिक्षा को न तज  नीतिवचन 1:8 क्योंकि वे मानो तेरे सिर के लिये शोभायमान मुकुट, और तेरे गले के लिये कन्ठ माला होंगी। नीतिवचन 1:9 हे मेरे पुत्र, यदि पापी लोग तुझे फुसलाएँ, तो उनकी बात न मानना। नीतिवचन 1:10 यदि वे कहें, हमारे संग चल कि, हम हत्या करने के लिये घात लगाएं हम निर्दोषों की ताक में रहें नीतिवचन 1:11 हम अधोलोक की ...

Bible का अर्थ क्या है ? step- by - step

 Bible का अर्थ क्या है ? step- by - step  बाईबल   विश्व का सबसे पवित्र और प्रभावशाली ग्रंथ बाईबल, जिसका शाब्दिक अर्थ 'पुस्तक' है ग्रीक शब्द  बाईबल  केवल एक किताब नहीं है, बल्कि ईसाई धर्म मसीही पंथ की आधारशिला और विश्व का सबसे पवित्र और प्रभावशाली धर्मग्रंथ है यह सदियों से करोड़ों लोगों के लिए मार्गदर्शन, प्रेरणा और आशा का स्रोत रहा है। बाईबल का परिचय बाईबल कई अलग-अलग लेखकों द्वारा लगभग 1500 वर्षों की अवधि में लिखी गई  66 पुस्तकों का एक संग्रह है  यह ईश्वर की प्रेरणा और मानवीय श्रम दोनों का सम्मिलित परिणाम माना जाता है। इसमें ईश्वर और मानवजाति के बीच संबंध सृष्टि की शुरुआत, मनुष्य के पतन और सबसे महत्वपूर्ण मुक्ति की योजना का इतिहास  और विवरण दिया गया है । मुख्य विभाजन पूर्वविधान और नवविधान संपूर्ण बाईबल मुख्य रूप से दो प्रमुख भागों में विभाजित है  पूर्वविधान ( Old Testament )    यह बाईबल का पूर्वार्ध है और यहूदियों का भी पवित्र धर्मग्रंथ है।     इसकी मूल भाषा मुख्य रूप से इब्रानी है।     इसमें सृष्टि के निर्...

Bible के अनुसार संसार के अन्त से पहले ऐसे होंगे मनुष्य ?

Bible के अनुसार संसार के अन्त से पहले ऐसे होंगे मनुष्य ? और यह पहिले जान लो, कि अन्तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे। 2 पतरस 3:3 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्टि के आरम्भ से था? 2 पतरस 3:4 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है। 2 पतरस 3:5 इन्हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया। 2 पतरस 3:6 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे॥ 2 पतरस 3:7 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं। 2 पतरस 3:8 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर...

आपके कर्मो के अनुसार आपका न्याय होगा ।

 आपके कर्मो के अनुसार आपका न्याय होगा । आपके कर्मो के अनुसार आपका न्याय होगा ।    यीशु मसीह जल्द ही आने वाले है । 

नर्क और स्वर्ग के बारे में बाईबल क्या कहती है ?

नर्क और स्वर्ग के बारे में बाईबल क्या कहती है ।   नर्क और स्वर्ग के बारे में बाईबल क्या कहती है 

Yeshu मसीह पानी पर क्यों चल पड़े थे ?

 Yeshu मसीह पानी पर क्यों चल पड़े थे ?  Yeshu मसीह पानी पर क्यों चल पड़े थे ?

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