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क्या कारण आपके जीवन में रोग बीमारी है ? Step-by-step

 क्या कारण आपके जीवन में रोग बीमारी है ? Step-by-step  और जब यीशु जा रहा था, तो उसने एक मनुष्य को देखा जो जन्म से अंधा था  यूहन्ना 9:1 और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने? यूहन्ना 9:2 यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों। यूहन्ना 9:3 जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। यूहन्ना 9:4 जब तक मैं जगत में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं। यूहन्ना 9:5 यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर। यूहन्ना 9:6 उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया। यूहन्ना 9:7 तब पड़ोसी और जिन्हों ने पहले उसे भीख मांगते देखा था, कहने लगे; क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख मांगा करता था? यूहन्ना 9:8 कितनों ने कहा, यह वही है औरों ने कहा, नहीं; परन्तु उसके...

दाऊद के पुत्र सुलेमान के नीतिवचन 1:1 step by step

 दाऊद के पुत्र सुलेमान के नीतिवचन 1:1 step by step  1दाऊद के पुत्र इस्राएल के राजा सुलैमान के नीतिवचन  इनके द्वारा पढ़ने वाला बुद्धि और शिक्षा प्राप्त करे और समझ की बातें समझे नीतिवचन 1:2 और काम करने में प्रवीणता, और धर्म, न्याय और सीधाई की शिक्षा पाए नीतिवचन 1:3 कि भोलों को चतुराई, और जवान को ज्ञान और विवेक मिले; नीतिवचन 1:4 कि बुद्धिमान सुन कर अपनी विद्या बढ़ाए, और समझदार बुद्धि का उपदेश पाए नीतिवचन 1:5 जिस से वे नितिवचन और दृष्टान्त को, और बुद्धिमानों के वचन और उनके रहस्यों को समझें नीतिवचन 1:6 यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूढ़ ही लोग तुच्छ जानते हैं नीतिवचन 1:7 हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर कान लगा, और अपनी माता की शिक्षा को न तज  नीतिवचन 1:8 क्योंकि वे मानो तेरे सिर के लिये शोभायमान मुकुट, और तेरे गले के लिये कन्ठ माला होंगी। नीतिवचन 1:9 हे मेरे पुत्र, यदि पापी लोग तुझे फुसलाएँ, तो उनकी बात न मानना। नीतिवचन 1:10 यदि वे कहें, हमारे संग चल कि, हम हत्या करने के लिये घात लगाएं हम निर्दोषों की ताक में रहें नीतिवचन 1:11 हम अधोलोक की ...